जीने की राह के 125 सूत्र
जीने की राह के 125 सूत्र पं. विजयशंकर मेहता लेखकीय मैं विगत 28 वर्षों से भारत के प्रतिष्ठित अखबार ‘दैनिक भास्कर’ में स्तंभ लिखता आ रहा हूँ। कभी चर्चा चौराहे की, कभी जीवन-मंत्र, कभी पंचनामा तो कभी जीवन के सूत्र, इन नामों से मेरे स्तंभ छपते रहे। फिर आठ वर्षों में मैंने तीन हजार से अधिक व्याख्यान दे दिए। देश और दुनिया खूब घूमी। अनेक लोगों से संपर्क हुआ। नजदीकी बढ़ी तो लोगों ने अपनी समस्याएँ मुझे बताना शुरू कर दिया। एक बात मुझे भी समझ में आ गई कि जिसे देखो वह परेशान है। कोई संसार से, तो किसी … Continue reading जीने की राह के 125 सूत्र