हनुमान चालीसा से मेडिटेशन कोर्स


Coming Soon हनुमान चालीसा से मेडिटेशन कोर्स ______ Meditation Course Through Shree Hanuman Chalisa _____ यह कोर्स क्यों? जीवन प्रबंधन क्या है? क्या करता है जीवन प्रबंधन समूह जीवन प्रबंधन समूह के उद्देश्य थोड़ा सा स्वयं को समझ ले मन क्या है… कोर्स एक नज़र में ऊर्जा के चार लेवल श्री हनुमान चालीसा से ध्यान की विधि Continue reading हनुमान चालीसा से मेडिटेशन कोर्स

ठोस तर्क व तथ्य वाली सलाह ही दें


ऐसा कहते हैं कि पहले का समय श्रद्धा का था, आज का दौर तर्क का है। पहले लोगों की जीवन शैली में श्रद्धा और विश्वास की प्रधानता थी। लोग सहज मान लेते थे कि ये भगवान हैं, ये गुरु हैं, ये माता-पिता हैं और पूरी श्रद्धा के साथ उनसे संबंध निभाते थे। धीरे-धीरे समय बदला और लोगों के जीवन में तर्क व विज्ञान की प्रधानता हो गई। आज तो बच्चे अपने माता-पिता के प्रति जो संबंध निभाते हैं, उसमें भी विज्ञान और तर्क की बातें करते हैं। जीवन में संबंधों को निभाते हुए कभी-कभी एक-दूसरे को सलाह देना पड़ती है … Continue reading ठोस तर्क व तथ्य वाली सलाह ही दें

भक्ति में निरंतरता का बड़ा महत्व है


बुराई कब-किसकी मिटी है, दुर्गुण कब-किसके खत्म हुए हैं? यह अनवरत सिलसिला जन्म से आरंभ होता है और मृत्यु तक भिन्न रूपों में चलता रहता है। एक होता है खत्म करना और दूसरा विलीन करना। खत्म करने में बहुत ताकत लगती है और विलीन करने में तकनीक काम आती है। जैसे हम सोचें पानी को खत्म करके बर्फ बनाएं तो संभव नहीं। बर्फ खत्म करके पानी बनाना भी मुमकिन नहीं। यह विलीनीकरण की क्रिया होगी। ऐसे ही दुर्गुण विलीन करने पड़ते हैं। अपनी बुराई को विलीन करने का सबसे अच्छा तरीका है, उसे पहचानें, फिर उसे जानें और जैसे ही … Continue reading भक्ति में निरंतरता का बड़ा महत्व है

बचाव के लिए योग-प्राणायाम करते रहें


जनता का कर्फ्यू और करोना कल आमने-सामने हो गए। मनुष्य की बीमारी और स्वास्थ्य के इतिहास में ये 14 घंटे मिसाल बन गए। करोना के लक्षण-परीक्षण पर खूब लिखा और बोला जा रहा है। भागवत में एक प्रसंग आता है कलियुग और राजा परीक्षित के बीच संवाद का। कलियुग प्रवेश करना चाह रहा था, परीक्षित उसे रोक रहे थे कि मेरे रहते हुए तुम प्रवेश नहीं कर सकते। तुम अधर्म के बंधु हो। तुम यदि प्रवेश करोगे तो मनुष्य के जीवन में दुर्गुण- दुराचार उतरेगा। आगे उन्होंने कहा- ‘अंत: बहि: वायु: इव एष: आत्मा’। परमात्मा समस्त प्रणियों में वायु के … Continue reading बचाव के लिए योग-प्राणायाम करते रहें

कमाने के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करें


घबराने का वक्त गुजर गया। डरने का समय भी बीत गया। अब करने का समय है। कुछ न कुछ करिए, कुछ न कुछ कमाइए। अब चारों ओर अव्यवस्थाएं कम देखिए, अवसर पर ज्यादा नजर रखिए। जब भी कमाने की बात आती है, लोगों के दिमाग में धन ही घूमता है। सही भी है, धन हमारी पहली जरूरत है और कमाने के अवसर मिलें इससे अच्छा और क्या है? लेकिन धन के साथ कुछ और भी कमा सकते हैं। पद-प्रतिष्ठा, व्यवहार, नेकी ये सब भी कमाने की चीजें हैं। इनके साथ अभी दो चीजें और कमाइए स्वास्थ्य व शांति। घर में … Continue reading कमाने के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करें

खुश रखने व खुश रहने में ही असली खुशी


खुश रहिए-खुश रखिए..। इसमें खुश रहना तो आसान है, पर खुश रखना कठिन है। लेकिन, खुशी पूरी तब ही होती है, जब आप खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रख सकें। जैसे-जैसे जीवन में दौड़-भाग बढ़ी, प्राथमिकताएं बदलीं और मनुष्य के तनाव बढ़ते गए। इसलिए मनुष्य ने खुश रहने के लिए नए-नए तरीके ईजाद किए। सात साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बात पर विचार किया गया कि खुशी लोगों को समझाई जाए। खुशी एक फैक्टर बन गया। खुश रहना मनुष्य का मूल स्वभाव था, पर इसके लिए आयोजन किए जाने लगे। 20 मार्च को जब अंतरराष्ट्रीय … Continue reading खुश रखने व खुश रहने में ही असली खुशी

इंद्रियों के भीतर संभावनाएं जगाएं


हम सभी के पास दस इंद्रियां हैं। पांच कर्मेंद्रियां (हाथ, पैर, मल-मूत्र की दो इंद्रियां और कंठ) तथा पांच ज्ञानेंद्रियां (आंख, नाक, कान, जीभ और त्वचा)। इनको केवल शरीर का सामान्य अंग मानने की भूल न करें, बल्कि इनके प्रति बहुत अच्छा और गहरा परिचय रखिए। हर इंद्री के भीतर इतनी संभावना है कि यदि आपने उस सोई हुई संभावना को जगा लिया तो ये अकल्पनीय परिणाम देंगी। इतिहास में व्यक्त है कि एक आदमी को दिन में तारे दिखने लगे। सुनकर आश्चर्य होता है कि दिन में सूरज की रोशनी में तारे कैसे दिख सकते हैं, क्योंकि आसमान में … Continue reading इंद्रियों के भीतर संभावनाएं जगाएं

विश्व कल्याण के देवता हैं शिव


भगवान शिव कल्याण की विराट परंपरा के प्रतिनिधि हैं। आज दुनिया में जिस तरह का वातावरण है, कल्याण की बड़ी आवश्यकता है। कल्याण शब्द सेवा से भी ऊपर है। सेवा में तो फिर भी कभी-कभी स्वार्थ का भाव आ जाता है, लेकिन कल्याण का मतलब है सेवाओं के सारे स्वरूप एक घटना में समा जाएं। शिव इस मामले में अद्भुत हैं। उनकी प्रत्येक लीला आनंद के सृजन का उद्घोष है। शिवचरित्र की जितनी कथाएं हैं, उनमें गजब की सच्चाई है। पूरा शिव चरित्र सिखाता है कि सुख और आनंद आप ही के भीतर है। थोड़ा भीतर उतरकर उसे प्राप्त कर … Continue reading विश्व कल्याण के देवता हैं शिव

मन का वर्तमान पर टिकना ही एकाग्रता


एक विद्यार्थी अपनी पढ़ाई-लिखाई के जितने भी प्रयास करे, उसे एक काम और करना चाहिए- मन को वर्तमान पर टिकाने का अभ्यास। विद्यार्थी जीवन में तो मदद करता है, इस उम्र-इस दौर में आत्मा की अधिक बात न की जाए, लेकिन विद्यार्थी मन उसे बहुत भटकाता है। इस मन को यदि वर्तमान पर टिका देें तो वह अतीत से कट जाएगा, भविष्य मेें छलांग मारना छोड़ देगा और यहीं से जीवन में एकाग्रता आ जाती है। मन का वर्तमान पर टिकना ही एकाग्रता है। जो लोग कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं, उन्होंने की-बोर्ड भी चलाया होगा। जब की-बोर्ड सीखना शुरू … Continue reading मन का वर्तमान पर टिकना ही एकाग्रता

वासना का परदा हटाते ही मिल जाएगी असली खुशी


‘स्वस्वरूप के अनुसंधान का नाम खुशी है’। कुछ शास्त्रों में खुशी को लेकर इस तरह की बातें लिखी गई हैं। स्वस्वरूप यानी आप क्या हैं, इसकी खोज आप ही को करनी है। मैं कौन हूं, यह जानने के लिए बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे गए। अगर सीधी सी बात करें तो कहा जाएगा कि वासना का परदा यदि हटा दिया जाए तो ‘मैं कौन हूं’ का उत्तर मिल जाएगा। लेकिन, पहले यह समझ लें कि वासना क्या होती है? इंद्रियों का भटक जाना, गलत दिशा में चले जाना वासना है। तो इंद्रियां जब तक गलत बहती रहेंगी, अनुचित के प्रति आसक्ति रखेंगी, … Continue reading वासना का परदा हटाते ही मिल जाएगी असली खुशी

सांस पर ध्यान देकर अच्छे को मजबूती दें


जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। यह आदर्श वाक्य हमारे बड़े-बूढ़े और कभी-कभी हम लोग भी दूसरों को समझाने के लिए कहा करते हैं। कोई परेशानी में हो, तब यह समझाइश दी जाती है कि जो हुआ, अच्छा ही हुआ होगा। लेकिन, ध्यान दें यह कहने से ज्यादा देखने की स्थिति है। यहां मतलब नज़रिये से है। वास्तविकता तो यह है कि जो हुआ होता है, बुरा हो चुका होता है, पर यह वाक्य इसलिए कहा जाता है कि आपका दृष्टिकोण बदल जाए। तब जो परिणाम आपको मिला है उसकी पीड़ा कम हो जाएगी। कुछ मछुआरे समुद्र … Continue reading सांस पर ध्यान देकर अच्छे को मजबूती दें